
आइये पड़ते हे सुदर्शन फाकीर के 10 बहतरिन शेर
आइये सुनते हे सुदर्शन फाकिर जबसर्दस्त शेर सुनके ही बोलोगे वह वह तुम छिपा लो मुजे ऐ दोस्त के गुनाहों की तरह हम तेरी याद के दमन से लिपट जाते हे हुई वही किताब गुम बड़ी हसीन रात थी ईस्क की एसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया याद हमे आएगी दुनिया को हवालों की तरह…